समय के परे: एक विज्ञान कथा

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समय के परे: एक विज्ञान कथासाल 2075 था। मनुष्य ने तकनीकी प्रगति के नए आयाम छू लिए थे। धरती से परे बसी "नियो-टेरा" कॉलोनी में जीवन स्थापित हो चुका था। लेकिन एक दिन, डॉ. अरुण शर्मा, जो समय यात्रा पर वर्षों से काम कर रहे थे, ने एक क्रांतिकारी खोज की घोषणा की।"हमने समय में झांकने का दरवाजा खोल लिया है। न केवल अतीत, बल्कि भविष्य में भी जाना अब संभव है।" उनके शब्दों ने वैज्ञानिक समुदाय को हिला दिया।डॉ. शर्मा की टीम ने "क्रोनो पोर्टल" नामक एक मशीन बनाई थी। यह एक विशाल, ऊर्जा से चमकती हुई अंगूठी थी,