यूक्रेन में युद्ध से बारुदी विस्फ़ोटों से उजड़ते नगर

नीलम कुलश्रेष्ठ कुछ महीने पहले अहमदाबाद में एक चित्रकला प्रदर्शनी थी। एक विशाल मेज़ पर रक्खे एक बोर्ड पर एक युवा कलाकार ने बेहद चटकदार रँगों से रंगे टूटे फूटे हुए मकानों को साकार किया था,जो कहीं कहीं बारुद से काले हो गए थे. मेज़ के पीछे ऊपर दीवार पर लिखा था -' वॉर ऑफ़ यूक्रेन '..मुझे तब ये टूटे मकान नहीं युक्रेन वासियों का आँसु बहाता तड़पता, दर्दीला शोक गीत लग रहा था। ऐसा गीत जिससे दुनियां का हर संवेदनशील व्यक्ति ऐसा ही व्यथित था । युद्ध की पृष्ठभूमि पर कोई कलमकार योद्धा ही उपन्यास लिख सकता है जिसमें