और वर

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"दुशासन"आज्ञा भ्राताश्री।""तुम जाओ और द्रौपदी को सभा मे ले आओ"जैसी आज्ञाऔर दुशासन चल पड़ा।वह द्रौपदी को सभा मे लाने के लिय।उसने द्रौपदी के पास। जाकर बोला,"तुम्हे मेरे साथ सभा मे चलना हैद्रौपदी ने सभा मे जाने से साफ मना कर दिया था।"तुम ऐसे नही चलोगी तो मैं तुम्हे जबरदस्ती ले जाऊंगा"दुशासन जानते हो मैं तुम्हारी क्या लगती हूँ ""पांडव हमारे दुश्मन है और तुम हमारे दुश्मन की बीबी हो।पांच की एक।अब क्या कहूँ तुम्हारे बारे में,"दुशासन द्रौपदी के चरित्र पर हमला करते हुए बोला" तुम वेश्या के समान हो उसके ही एक से ज्यादा मर्द होते हैं"शर्म नही आ रही