वाजिद हुसैन सिद्दीक़ी की कहानी पहली बार जब मैंने अशरफ को देखा था, तो उसे देखती ही रह गई थी। मेरा कार्ड एटीएम मशीन में फंस गया था। उसे निकालने के लिए ज़ोर आज़माइश कर रही थी। उसने कहा, 'में आई हेल्प यू?' उसने टच स्क्रीन पर उंगलियां सरकाईं और कार्ड निकाल कर मुझे दे दिया था। 'दूसरी बार रेहाना सुल्तान चैरिटेबल अस्पताल में मुलाक़ात हुई जिसमें मैं डॉक्टर थी। वह अस्पताल में डोनेशन देने आया था। उसने कहा मैंने आपको हर जगह ढूंढा पर आप नहीं मिलीं। मैंने पूछा, 'क्या आपका कुछ मेरे पास रह गया था?'उसने कहा, 'डॉक्टर सीमा बताइए, बाई दी