राखी और मैं: एक अधूरी कहानी

राखी और मैं: एक अधूरी कहानीजब मैं और राखी मिले थे, तब मुझे कभी नहीं लगता था कि एक दिन हमारी कहानी इस मोड़ पर आएगी। हम दोनों कॉलेज में मिले थे। वो दिन जैसे आज भी मेरी आँखों के सामने हैं। उसकी हंसी, उसकी बातें, उसका मस्तमौला अंदाज़, सब कुछ बहुत खास था। वो मेरे लिए सिर्फ एक लड़की नहीं, बल्कि मेरी सबसे अच्छी दोस्त भी बन गई थी।हम दोनों एक-दूसरे से जुड़ते गए। धीरे-धीरे, दोस्ती ने प्यार का रूप लिया। चार साल तक हम दोनों ने एक-दूसरे के साथ बहुत सारी खुशियाँ बिताई। हर दिन एक नई मुस्कान,