प्यार का जहर - 72 (अंतिम भाग)

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कुछ देर बाद. . .' अच्छा सुनो दिव्या में अब जा रहा हु. तुम्हे आना हो तो आओ. मुझे लेट हो रहा है. बहार चाय की टपरी पर मेरे दोस्त मेरा इंतजार कर रहे है. लेकिन पता नही तुम इतनी जिद्दी कब से हो गए. ' ' ओह रियली तो अब आप से डायरेक्ट तुम वाह यार आपके ये अचानक वाले बदलाव. अच्छा है आप जाओ हम भी नही आ रहे अब तो. आपको जाना हो जाओ.' अरे गुस्सा क्यों हो रहे हो. चलो भी अब में वेट कर रहा हो आप गुस्सा मत करो पता है ना गुस्सा सेहत के