खौफनाक सच्चाईपुलिस स्टेशन में एक ठंडी और सन्नाटा पसरी हुई थी। केवल फोन की घंटियाँ और दस्तावेज़ों के पन्ने पलटने की आवाज़ सुनाई दे रही थी। यह कहानी भी एक ऐसे ही सन्नाटे में शुरू हुई थी, जब इंस्पेक्टर वीरेंद्र कुमार को एक ऐसा केस सौंपा गया, जो सिर्फ पुलिस के लिए नहीं, बल्कि पूरे शहर के लिए एक खौफनाक राज़ बन गया था।वीरेंद्र कुमार, दिल्ली पुलिस के एक सीनियर अफसर, जिसे हमेशा से अपने काम के प्रति निष्ठा और ईमानदारी के लिए जाना जाता था, इस बार एक बहुत जटिल और खतरनाक केस की जिम्मेदारी संभालने जा रहे थे।