मैरेज़ डील - एक अनोखा रिश्ता - 2

बिक्रम जी के बुलाने पर अमन पिछे मुड़ ते हुए एक बेचारगी भरी स्माइल देते हुए , जी दादा जी बोल बिक्रम जी के सामने खड़ा हुआ।"बेटा.... राजवीर को बस बुलाना नहीं हे, बल्के अपने साथ उसे मंडप तक लेकर आना हे।"बिक्रम जी कुछ समझा ते हुए बोले।अमन फिर से "जी दादा जी" बोल ते हुए वहां से रुकसत होने ही जा राहा था बिक्रम जी उसे रोक ते हुए फीर बोले पड़े....."और अगर आप १५ मिनिट में राजवीर को मंडप में नहीं लेके आए तो......."ये बोल बिक्रम जी रुक गए तो अमन सवालिय नज़रों से मासूम सकल बनाते हुए