गाँव में एक लड़का था जिसका नाम अर्जुन था। अर्जुन बहुत गरीब था लेकिन ईमानदारी और मेहनत में विश्वास करता था। वह रोज़ जंगल में जाकर लकड़ियाँ काटता और उन्हें बेचकर अपने परिवार का पालन-पोषण करता था।एक दिन, अर्जुन जंगल में पेड़ काट रहा था, तभी उसकी कुल्हाड़ी फिसलकर पास की नदी में गिर गई। वह बहुत परेशान हुआ क्योंकि वही उसकी रोज़ी-रोटी का साधन थी। वह बैठकर रोने लगा।तभी नदी से एक जल देवी प्रकट हुईं। उन्होंने अर्जुन से पूछा, "तुम क्यों रो रहे हो, पुत्र?" अर्जुन ने पूरी घटना सच-सच बता दी। देवी ने कहा, "चिंता मत करो।