अगले दिन सुबहएसीपी आयुष मृतक विशाल दीक्षित के घर पर इस वक्त मौजूद थे, वह यहां कुछ जांच पड़ताल करने आए थे।एसीपी आयुष विशाल के घर बाहर उसके कमरे की दीवार के आसपास सुबूत ढूंढने की कोशिश कर रहे थे। पर सोचने वाली बात यह थी कि वहां किसी प्रकार के कोई निशान मौजूद नहीं थे। एसीपी आयुष ने खुद से ही कहा " वैसे मानना पड़ेगा ये किलर शातिर तो बहुत है, एक भी सबूत कहीं नहीं छोड़ता जहां भी मर्डर करता है। फिर उसका ध्यान एक खिड़की पर गया जो की विशाल के कमरे की थी जिसे कुछ