नफ़रत-ए-इश्क - 21

तपस्या विराट के यादों में खोई हुई रिमोट उठा कर म्यूजिक सिस्टम ऑन कर खुद को मिरर में देख आंखे बन्द कर लेती है। और उसी के हाल पर फिट बैठता हुआ एक गाना कमरे के हर कोने में गूंज ने लगी थी।एक अजनबी सा एहसास दिल को सताए ,शायद यही तो प्यार है।बेताबियों में धड़कन मेरी चैन पाएशायद यही तो प्यार है ।कुछ भी कहा ना कुछ भी सुना नाफिर भी बेचैन दिल है हमारा......,गाना सुनते ही तपस्या अपनी आंखों खौल कर खुद को आईने में देखती है ।अपने बढ़ती धड़कनों को समेट कर वो बेड के तरफ चली