वनवास: डर का दोहन या एक नई बात ? - फिल्म समीक्षा

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फिल्म समीक्षा : वनवास: डर का दोहन या एक नई बात ? ____________________________ हर पीढ़ी पुरानी होती है और नई पीढ़ी आती है, यह प्राकृतिक है। पुराना पौधा, वृक्ष बनता है, मुरझाता है और फिर नई कोंपले, नई पंखुड़ियां आती हैं। लेकिन मनुष्य के मामले में यह विडंबना है की जीते जागते, धड़कते इंसान को आप अचानक से खलीज नहीं कर सकते l क्योंकि हर इंसान आप मानेंगे, युवा होता है ,नौकरी या व्यवसाय करता हुआ अपने घर परिवार की जिम्मेदारियां उठाता है। यथासंभव समाज सेवा और बड़े बुजुर्गों का ख्याल भी रखता है यह सब करते-करते एक दिन उसे