दर्द दिलों के - 12

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तो हमने अभी तक देखा धनंजय और शेर सिंह अपने रुतबे को बचाने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार है और उधर  आरवी और अरनव इन सबसे अंजान है ----आरवी के घर की bell बजती है शांता शर्मा घर का दरवाजा खोलती है - जी आप लोग यहां । भाभी जी नमस्ते अब आप हमें दरवाज़े पर ही रखेंगी अंदर आने को नहीं कहेंगी । धनंजय मुस्करा कर घर के अंदर चला जाता है।राम राम मास्टर जी ।शाम , धनंजय को इस तरह अपने घर में देख कर सकपका  जाता है ।राम राम जी आप और हमारे घर । क्या