मैं तो ओढ चुनरिया - 63

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  63   गाङी अंबाला स्टेशन पर करीब बीस मिनट रुकी । लोगों ने स्टेशन पर चाय पी । आखिर गाङी ने सीटी दी । स्टेशन पर बिखरे लोग ,प्लेटफार्म के बैंच पर बैठे चाय की चुस्कियां लेते लोग भागे और भाग भाग कर अपने डिब्बे ढूंढने लगे । एक - दो मिनट में ही प्लेटफार्म पर की सारी भीङ डिब्बों में समा गई । इसी के साथ एक लंबी विसल देकर ट्रेन सरकने लगी । लोग हांफते हुए आए और अपनी जगह पर आकर टिक गए । पहले वाली आधे से ज्यादा सवारियां अपना गंतव्य आने के चलते ट्रेन