प्रपंच तंत्र...सांड ,बुलशिट और मुर्गा(यह सीरीज जीवन के अनुभवों से ली गई कहानियां है जो प्रतीकात्मक भी हो सकती है,प्रबन्धन से जुड़े लोग भी इनका आनन्द लें )(बॉस को बुलशिट यानी बकवास करने की आज़ादी तो नहीं होती पर यह छूट वह ले ही लेते है ,क्या किया जाए ?)एक चीफ मैनेजर थे बैंक में ,नाम का क्या बंडल बाज़ शर्मा रख लेते है। आदत से मजबूर अपने स्टाफ को बुलशिट करते रहते ।वह बेचारे सुनते और अपने भाग्य को रोते।इस स्टाफ में एक लोन अफसर भी था राम लुभाया नाम का।वह महत्वाकांक्षी था और बुलशिट तो सुनता ही था