मुनस्यारी( उत्तराखण्ड) यात्रा-२मुनस्यारी से लौटते हुये हिमालय को देखा जहाँ से कहा जाता है पांडवों ने अन्तिम बार पाँच चूल्हे उन शिखरों पर लगाये, इसलिए इन्हें पंचाचूली कहा जाता है।वन से का जा रही है। पांडवों के वनवास के समय कहा जाता है कि एक बार द्रौपदी को दूर सुगंधित फूल दिखा और वह उसे पाना चाह रही थी। भीम उसे लेने गये तो रास्ते के किनारे एक बूढ़ा बैठा था और उसकी पूँछ रास्ते पर थी। भीम ने उनसे पूँछ हटाने को कहा। बूढ़े ने कहा ," तुम हटा लो यदि तुम्हें आगे जाना है तो।" भीम ने पूँछ