बाल साहित्य का पठन पाठान और समाज और परिवार का दायित्व

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            बाल साहित्य का पठन पाठान  और समाज और परिवार का दायित्व   बच्चों के लिए चारों और विविध भांति की पठन सामग्री का बोल बाला है | सोशल मीडिया, किताबें , अन्य साधनों के द्वारा बच्चों तक अच्छी बातें पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है | समाज का हर वयस्क समझ रहा है कि इन बच्चों का बचपन वैसा नहीं है जैसा हमारा था , पर उनका स्वयं का भी तो वैसा नहीं था जैसा उनके पिता अथवा काका दादा का रहा था | हम अनभिज्ञ नहीं हैं कि हमारे समाज में बच्चों की