अध्याय 48 “दो बच्चों का आप और सुमति नाम की पत्नी संतोष नाम से हैं। कचरे के डिब्बे में से उनको ढूंढ निकालने वाले वह शंकर लिंगम अपने को बच्चे नहीं है इसलिए उसे गोद लेकर स्वयं पालने लगे। अभी बाय शंकर लिंगम और उसकी पत्नी जिंदा नहीं हैं। “इन्होंने मैकेनिक का सेट लगा रखा है। इनके जीवन थोड़ा तकलीफ में तो है। परंतु बहुत खुश है देखिए। कई करोड़ के संपत्ति इन्हें ढूंढ कर आ रहा है बोलने के बाद भी उसकी इच्छा ना करके सोच के बोलूंगा ऐसा बोल रहे हैं?” “हां इस बात को सुनकर ही