अपराध ही अपराध - भाग 47

अध्याय 47   पिछला सारांश:  कार्तिका इंडस्ट्रीज के संस्थापक कृष्ण राज का दिया तीसरा असाइनमेंट को पूरा करने के लिए अनाथ आश्रम में जमा किया हुआ बच्चा को ढूंढने के लिए धना और कुमार रवाना हुए।  कचरे के डिब्बे में डाला हुए बच्चे के बारे में मालूम करते हुए शंकर लिंगम के घर पहुंचे।  शंकर लिंगम की मौत हो गई थी उस घर में संतोष नाम का युवा था। उसने कहा ‘मैं ही वह बच्चा हूं। अभी मेरी शादी हो गई और मेरे दो बच्चे हैं। जिसने मुझे कचरे के डिब्बे में डाल दिया उसके पास अब मैं वापस नहीं