अपराध ही अपराध - भाग 44

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अध्याय 44   विवेक यह जो नोट था उसे देखकर विवेक एकदम से परेशान हो गया।  मलेशिया के रामकृष्णन पुलिस में फंस जाने से दामोदरन चेन्नई को छोड़कर कोलैयमल्ली में जो उनका रहस्यात्मक  जगह जाने के लिए तैयार होने लगे।  नकली दाढ़ी, मूंछें और मेकअप करके एक यात्रा कर रहे थे तो मोबाइल में वह फोटो आने से दामोदरन का चेहरा बदला और विवेक को उन्होंने बुलाया।  “डैड…” “विवेक यह धनंजयन बहुत ही खतरनाक है। उसके कारण मुझे भी उसने अज्ञातवास करने के लिए मजबूर कर दिया देखा?” “एस डैड, चुपचाप किन्नर डॉन को बुलाकर उसे शूट करने के लिए