अपराध ही अपराध - भाग 43

  • 1.5k
  • 780

अध्याय 43    पिछला सारांश:     स्मगलिंग के धंधे में लगे उनके साथी रामकृष्णन के लड़के मोहन की शादी धनंजयन की अक्का शांति के साथ, जल्दी-जल्दी शादी करके धनंजयन को अपने जाल में फंसाने की सोच रहे, दामोदरन को धोखा ही मिला। किसके बीच में रामकृष्णन को पुलिस से बचने के लिए हार्ट-अटैक आने का नाटक कर उनको बचाने के कार्य में असफलता ही हाथ लगी।  अस्पताल में मोहन और शांति की शादी होनी थी तब अचानक बिजली के चले जाने से नहीं हो पाई। अब तुम्हारी बहन शांति की शादी नहीं होगी ऐसा विवेक ने कहा।  धनंजयन को अब