अपराध ही अपराध - भाग 36

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अध्याय 36   “धना तुम गलत फैसला नहीं करोगे ऐसा तुम्हारे ऊपर मुझे भरोसा है इसलिए तुम जो करना है उसे करो” एकदम से बात को काट कर अम्मा सुशीला ने कह दिया। “ऐसे आपके विश्वास करने से ही मुझे डर लगता है। जाने दो अब मैं जो कहने वाला हूं उसे भी ध्यान से सुनो। यह शादी नहीं होना चाहिए ऐसा सोचने वाले भी कुछ लोग हैं” ऐसा कहकर थोड़ा चुप रहने वाले को सदमे के साथ अम्मा सुशीला ने देखा। “हां अम्मा मेरे मालिक कृष्णराज जी के एक लड़की कार्तिका के विरोधी एक है। वे मुझे खरीदने की