मोमल : डायरी की गहराई - 27

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पिछले भाग में हम ने देखा कि अब्राहम बेहोश हो कर गिर पड़ा था। मोमल की आंखों में दहशत थी। वो हाथ में जलती हुई मोमबत्ती लेकर खड़ी थी। जब देखा के अब्राहम के जिस्म से वो आत्मा चली गई है तब उसने जल्दी से मोमबत्ती को टेबल पर रखा और फर्श पर बैठ कर उसे उठाने लगी :" अब्राहम उठिए ! अब्राहम!"कुछ देर में उसे होश आया। होश में आते ही उसने कहा :" मोमो मुझे बांध दो! मेरे हाथ पैर सख्ती से बांध दो, ये लास्ट कैंडल बचा है, मुझे भी नही पता के कब मैं पॉसेस्ड हो