सुबह का समय, फातिमा हॉस्पिटल, सिद्धांत और लक्ष्मी की नोंक झोंक देख कर यश को हँसी आ गई और वो अपना सिर नीचे करके हँसने लगा । ये देख कर सिद्धांत ने चिढ़ कर कहा, " तुम क्या दांत दिखा रहे हो ? " उसकी आवाज सुन कर यश ने तुरंत अपनी हँसी को दबा लिया । वहीं सिद्धांत ने कुछ सोच कर कहा, " और कौन, हो कौन तुम ? " तो भरत ने कहा, " बेटा, ये मेरा बेटा है, यशस्विन ! " सिद्धांत ने उनकी बात सुन कर कहा, " ओह ! " तभी लक्ष्मी ने