89== “बेटा! मनु बहुत परेशानी में रह लिए, जानती हूँ कि जब तक आशी की कोई खबर नहीं मिल जाती तुम दोनों ही परेशान रहोगे लेकिन मुझे लगता है अब जीवन में कुछ बदलाव आना चाहिए—”अनिकेत की मम्मी ने एक दिन अनन्या, मनु और बहनों व अनन्या की मम्मी के सामने कहा| “सॉरी आँटी , मैं समझा नहीं----”क्या, कैसा बदलाव? मनु को कुछ समझ में नहीं आ रहा था| “बिटिया एक साल की होने लगी है, आशी को खोजने के लिए सारी कोशिशें कर लीं गईं हैं, अब ईश्वर पर छोड़कर बच्ची पर ध्यान दो| ” “मतलब आँटी---”मनु और अनन्या