शून्य से शून्य तक - भाग 87

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87==== आशी ने इतनी अचानक घर में प्रवेश किया था कि किसी को कुछ समझ में ही नहीं आ रहा था| घर में जैसे सन्नाटा पसर गया था| स्थिति इतनी अजीब थी कि किसी के पास कहने के लिए न शब्द थे और न ही उसका स्वागत करने की कोई उत्सुकता ! घर के लोग इतने सुन्न पड़ गए थे जैसे कोई अनहोनी घटने वाली हो और हुआ भी वही|  कहाँ तो उसने मनु से वायदा लिया था कि वह किसी से भी कुछ नहीं कहेगा, डैडी तक से नहीं| शादी के बाद जब तक उसकी इच्छा नहीं होगी, वह