शून्य से शून्य तक - भाग 81

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81=== “आशिमा दीदी, आपने सुना? ”इधर से कोई उत्तर न पाकर माधो ने फिर से पूछा| वह सबके मन की पीड़ा जानता तो था ही लेकिन क्या करता? इतना जानता, समझता था कि परिस्थिति तो संभालनी ही है|  “हाँ माधो सुन लिया---”आशिमा ने रेशमा, अनिकेत और उसकी मम्मी को बता दिया था| समझ नहीं पा रही थी आशी से कैसे यह सूचना साझा कर सकेगी? वह कई बार उसके कमरे की ओर गई लेकिन उसका साहस ही नहीं हुआ कि कमरा नॉक करे| परिस्थिति तो अजीब थी ही, वैसे भी आशी इस घटना को कैसे लेती, कौन क्या कह सकता