नक़ल या अक्ल - 72

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72 आत्महत्या   किशोर की आँख से अब भी आँसू टपक रहें हैं। निहाल ने उसके कंधे पर हाथ रखते हुए कहा, “भाई आप इस तरह करोगे तो फिर राधा भाभी को कौन संभालेगा। “निहाल इतने पैसे कहा है, किसके पास।“ राधा के बापू के पास होते तो वह दहेज़  नहीं दे देते और हमारी हालत भी कौन सा अच्छी है, भगवान,  हम गरीबों  की परीक्षा क्यों ले रहा हैं!!” “भगवान  भी उनकी परीक्षा लेता है, जिन्हें वो अपने  काबिल समझता है। परेशान  मत हो, सब ठीक हो जायेगा।“ कुछ देर किशोर के साथ बिताकर वह अस्तपताल  से बाहर निकला