दृढ़ता और मार्गदर्शन

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  बहुत समय पहले, एक छोटे गाँव में श्रीकांत और उनकी पत्नी जानकी अपने दो बच्चों के साथ रहते थे। उनके बड़े बेटे का नाम अर्जुन था, जो बहुत जिज्ञासु और नटखट था, और छोटा बेटा बिमल जो अबोध और सरल स्वभाव का था। जानकी बहुत सख्त लेकिन प्यार करने वाली माँ ધેઈथी। वह चाहती थी कि अर्जुन जीवन में अनुशासन और कर्तव्य को समझे, इसलिए वह उसे हमेशा सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करती थी। एक दिन अर्जुन किसी गलती के कारण बहुत दुखी हो गया और अपनी माँ के पास पहुंचा। जानकी ने उसे प्यार से