सुबह के नौ बज चुके थे। अब्राहम कभी इतनी देर नही सोता लेकिन नींद की गोली लेने की वजह से उसकी आंख देर से खुली, आज देर तक आराम से सो कर उसे अच्छा महसूस हो रहा था। खिली खिली सी धूप उसके बरामदे तक आ रहे थे। धीरे धीरे उठ कर उसने खिड़की से परदे हटाए , चहरे पर सूरज की किरण पड़ते ही उसकी आंखे छोटी हो गई, वो धीरे धीरे चल कर वाश की तरफ जाने लगा तो उसकी नज़र टेबल पर रखे डायरी पर पड़ी और दिल में खयाल आया के " क्या मोमल अपनी डायरी