शायरी - 17

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हर कसमें, हर वादे, हर वफा, की हमें कीमत मिली।मौत भी मुझे आई तो कमजर्फ के गलियों में।।अप तो अपनी जान पहचान पर ध्यान दीजिए हमसे जो भी एक बार मिला वो तो मेरा हो गया आप की खामोशी ही वजह है कई जाने लेने की आप बोलती होती तो सब ध्यान से सुनते खुशी इस बात की है, कि वो बात करता है मुझसे।गम इस बात का है, कि सपने देर तक नहीं आते।।चलो अच्छा हुआ तुम खुद, जा रहे हो छोड़ कर।जमाने के आंखों में भी तो, हम बहुत खटकते थे ।।तुम आते तो देखने मैयत मेरी लोग