"कविता संग्रह"'मन के विचार 'सोचता हूं क्या करूं?मन के विचारों को कैसे व्यक्त करूं?दुनिया है ऐसी जहां अच्छे शब्दों ही हमें अच्छे लगते हैं और कटु शब्दों से ही नुकसान सोचता हूं क्या बोलूं?शब्दों से ही प्रिय बनूं?मीठी भाषा सब बोलते हैं आचरण में क्या ज्ञान लेकर आते हैं?सोचता हूं क्या बोलूं?प्रेरणादायक सोच रक्खूं?लोग कहते हैं कि इससे क्या होगा?ठगी सोच है लोगों कीक्या परिवर्तन होगा?सोचता हूं क्या करना होगा?दया और प्रेम को बढ़ाना होगा दिल को छूने वाले शब्दों को सुनूं अपनी कलम को शालीनता से तलाशने लगूं आत्मा की गहराईयों में झांकूं मन के विचारों को तलाशूं ऐसे शब्दों साझा करूं जो कोमल और दयालु हो सोचता हूं क्या