शून्य से शून्य तक - भाग 78

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78===    आशी को अचानक सामने देखकर सबके मन में अलग अलग तरह से विचार भरने लगे थे| दीना जी के मन में बेटी को देखकर उसके प्रति अचानक एक ममताली हवा का झौंका आकर उन्हें हिला गया था| आशी खुद भी अपने मन में अपनी तस्वीर तलाश रही थी| फ़्रेश होने के बहाने उसने महसूस किया कि उसकी आँखों से आँसू झर रहे थे|   मनु पर और किसी का अधिकार कैसे हो सकता है?वह उसकी लीगल वाइफ़ है| वह जानती थी कि उसने किन शर्तों पर मनु से शादी की थी लेकिन उसने इस सबकी कल्पना तक भी नहीं