शून्य से शून्य तक - भाग 72

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72===   मनु ने दीना अंकल के कमरे में झाँककर देखा। वे गहरी नींद सो गए थे| माधो उनके पास ही कुर्सी पर बैठा था, रेशमा पलंग के एक कोने में सिमटी सी बैठी थी| मनु ने रेशमा को उसके कमरे में जाने का इशारा किया और खुद अपने कमरे में आकर आशी को फ़ोन करने लगा|  “मनु हीयर---” “हाँ, क्या बात है मनु, सोए नहीं?”आशी थी|  “आशी, अंकल की तबियत ठीक नहीं रहती, तुम्हें उनके पास होना चाहिए---”मनु ने कहा|  “क्या अपना प्रॉजेक्ट बीच में छोड़कर आ जाऊँ?मुझे कम से कम तीन/चार महीने तो और लगेंगे ही--”उसने रुडली कहा|