61== “अंकल ! अगर आप परमीशन दें तो अब घर लौट जाएं।शायद आशी को कुछ समझ में आए| यह सब उसे अपने आप ही समझना होगा, किसी के कहने से उसे कुछ समझ में नहीं आएगा---”मनु ने बहन के जाने के बाद अकेले में दीना अंकल से कहा| “जैसा तुम लोग चाहो बेटा---”वे उदास भी थे और मनु के दिल की हालत भी समझ सकते थे| क्या ड्रामा कर दिया था उन्होंने उस बच्चे के साथ!उन्हें खुद ही अपने ऊपर कोफ़्त हो रही थी| “क्यों—मैं क्यों जाऊँगी वहाँ?मनु !तुमसे पहले ही सब बातें साफ़-साफ़ हो गईं थीं | ”आशी तो