66=== दीनानाथ भी मनु में आए हुए बदलाव को महसूस कर रहे थे, क्या करें वह?उन्हें मनु में आने वाले बदलाव के लिए लेशमात्र भी अफ़सोस नहीं था| बल्कि वे मनु के लिए एक साथी की इच्छा कर रहे थे| उनकी बेटी है तो क्या दूसरे बच्चे को इस प्रकार की सज़ा मिलनी उचित थी?वे मनु को इस प्रकार घुलता हुआ देखकर बहुत अधिक कष्ट पाते थे| उनकी आँखों के सामने लड़का तड़प रहा था और अपनी तड़प को उनसे छिपाकर उन्हें खुश करने की कोशिश करता था| उसका आखिर दोष क्या था?यही कि उसमें ऐसे संस्कार थे कि वह