मनुष्यता गुंजन: एक अनूठा उपहार

  • 2k
  • 678

पुस्तक समीक्षामधुब्रत गुंजन: एक अनूठा उपहार******** वरिष्ठ शिक्षक/कवि/संपादक/छंद प्रणेता डा. ओम प्रकाश मिश्र 'मधुब्रत'जी के काव्य संग्रह "मधुब्रत गुंजन" का प्रारंभ ही कवि के परिचय के बाद उनकी "साहित्य के प्रति अनुराग एवं लेखन की प्रेरणा...." में उनके साहित्य के प्रति अनुराग आरंभ, रचनाएं, सम्मान एवं पुरस्कार, शैक्षणिक सम्मान और पुरस्कार, रचनाओं के प्रकाशन, संप्रति एवं शैक्षणिक कार्य स्थल के बारे में विस्तार से लिखा गया। इसके प्रारंभ में ही डा. मधुब्रत के साहित्य के प्रति बढ़ते अनुराग, उन्हें प्राप्त होने वाले सानिध्य, प्रोत्साहन और वरिष्ठ, श्रेष्ठ रचनाकारों को पढ़ने और उसमें रहने का पता चलता है। प्रसाद,पंत, निराला, महादेवी