टीनएजर्स लव

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वाजिद हुसैन सिद्दीक़ी की कहानी दिन भर अस्पताल में मरीज़ों की चीख़- पुकार से दिमाग़ वैसे ही ख़ाली हो रहा था। शरीर भी थका हुआ था। मूड फ्रेश करने के लिए शांत छोटे से पार्क के कोने की बैंच पर बैठ गया। तभी एक लड़की आती दिखी, उसकी पोशाक भूरी और साधारण थी। उसने सनग्लास से अपनी आंखों को और स्कार्फ से अपने चेहरे को ढक रखा था। पीछे से उसका शांत चेहरा झांक रहा था जिसकी सुंदरता से वह बेख़बर थी। उसने शालीनता से मुझ से पूछा, ' क्या मैं यह बैंच आपके साथ शेयर कर सकती हूं?' अरे