इश्क दा मारा - 4

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अपने डैड की बाते सुनते ही गीतिका के पैरो तले जमीन खिसक जाती है और तब वो बोलती है, "डैड आप ये क्या बोल रहे हैं"।तभी गीतिका के डैड उसे आंखे दिखाते हैं और चुप रहने के लिए बोलते है। गीतिका को बहुत ही गुस्सा आ रहा होता है, मगर वो चुप चाप वही पर खडी रहती हैं।MLA साहब गीतिका के डैड को गले लगाते हैं और बोलते है, "मुझे यकीन ही नही हो रहा है कि हमारी बरसो पुरानी दोस्ती अब रिश्तेदारी में बदलने जा रही है"।तब गितिक के डैड बोलते है, "मैं तो इस दिन का कब से