अंतिम भेंट

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रवि मेरा नाम है और मैं भारतीय सेना के चौथे रेजीमेंट का सिपाही था यहां पर मैं पाठकगण को यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि मेरे था कहने का पर्याय यह कतई नहीं है कि मुझे नौकरी से निकाल दिया गया अथवा मैं रिटायर ले ली या मैं इस्तीफा दे दिया अभी मेरी उम्र 21 वर्ष की है अथवा थी "थी" कहने का मेरा तात्पर्य यही है कि अब मैं जीवित नहीं सवेरे ही रेजीमेंट ने मुझे तिरंगे में लपेटकर मेरे परिवार को सौंप दिया तब से मेरे परिवार में सो के बादल छाए हैं मेरी माता जी का रो