अधूरा अहसास.. - 2

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..... निरंजन अब परेशान होने लगा था।उसे जिन चीजों की कीमत मालूम थी,वो तो आसानी से बता देता था।मगर,कुछ चीजों के लिए उसे राजेश को फोन करना पड़ रहा था।मगर इस महाशय ने तो अपना मोबाइल ही बंद कर रखा था।राजेश ने निरंजन को आधे घंटे में वापस आने के वादे पर उसे ,अपने दुकान में बैठने को कहा था। राजेश और निरंजन साथ में पढ़ते थे।राजेश ने पढ़ाई बीच में ही रोककर आपने पिता के व्यवसाय को संभालना शुरू किया था।और निरंजन खुशहाल परिवार से था तो,उसे फिलहाल इस बात को कोई चिंता नहीं थी।वह तो अपनी एकेडमिक लाइफ