असर उत्सव का

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1. असर उत्सव काअगस्त महीने की पन्द्रह तारीख थी। पूरे देश में स्वतन्त्रता दिवस का उत्सव लगभग एक सप्ताह से चल रहा था। विद्यालय तथा ग्राम सभा से निकलने वाली रैलियाँ सबको आकर्षित कर रही थीं। हर घर तिरंगा लहरा रहा था। सभी देशप्रेम में सराबोर हो रहे थे। लगभग बेजुबान हो चुकी निरमा नाम की एक लड़की थी। जो स्वतन्त्रता दिवस के सभी उत्सव दृश्यों को देखकर बहुत खुश हो रही थी। निरमा जन्म से बेजुबान नहीं थी, बल्कि हालातों ने उसे ऐसा कर दिया था।एक बार उसके पिताजी दशहरे का मेला देखने उसकी माँ और उसके साथ बाइक