शायराना फिज़ा... 2 - किस्से, तेरे-मेरे।

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~किस्से तेरे-मेरे ~कुछ किस्से बुनूं, तेरे और मेरे ,कुछ ख्वाब देखू जिनमें, मैं हूं और तू हो लिखूं कुछ कहानी तेरी और मेरी कोई सफर तय करूं, मुझसे जो तुझ तक हो, एक ऐलान करूं, जिसमें नाम हो तेरा सुनकर नाम तेरा, लोग ज़िक्र मेरा करें जिक्र हो हमारे किसी पुराने किस्से का, किस्सा कोई, जिसमें तू रूठी हो रूठी, तेरी आंखों में कुछ शिकवे हो शिकवों में मेरा नाम आए... मेरा नाम आए, तू चुप हो जाए, इस चुप्पी में एक शोर मचे शोर में भी, नाम मेरा आए, अब यह नाम एक ख्वाब सा हो, ख्वाब, तू खुली