विश्व एव ज्योतिष

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आधुनिक विज्ञान में विज्ञान खगोल विज्ञन के अनुसार ब्रह्मांड में स्थित अनेको ग्रहों की उपस्थिति गति ब्रह्मांड को प्रभावित करती है एव प्रकृति के स्वरूप का भी निधार्रण करती है निश्चित रूप से यदि ब्रह्मांड में उपस्थिति ग्रह पिंड यदि प्रकृति को प्रभावित करते है तो ब्रह्मांड की प्रबृत्ति और उसमें उपस्थित समस्त चराचर प्राणी को भी प्रभावित करते रहते है भारतीय ज्योतिष का मूल सिद्धान्त भी यही कहता है कि खगोलीय गति और परिवर्तन प्राणी विशेष और समस्त प्राणियों के विचार सोच संस्कृति संस्कार क्रिया कलाप में परिवर्तन के कारक कारण बनते है तदानुसार परिवर्तन की प्रेरणा के साथ