कल्पना से वास्तविकता तक। - 13

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अगर आप इस धारावाहिक को पूरा पढ़ना चाह्ते हैं, तो आपको हमारी प्रोफाइल पर इसकी पूरी सीरीज शुरुआत से मिल जाएगी। हर घटना के होने का एक सही समय निर्धारित होता है, न ही उस से पहले तो, ना ही उसके बाद उस घटना के होने का कोई औचित्य ही रह जाता है। अब रात ढलने के बाद अगर सूरज दोपहर को उगे तो ?? या आधी रात को ही उग आये तो …तो शायद उसका आना सभी के लिए परेशानी देने वाला वाला ही होगा। इसलिए हर होनी की अच्छाई उसके होने के समय पर भी निर्भर करती है।