जिन्नातों की सच्ची कहानियाँ - भाग 34 - अंतिम भाग

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जिन्न का वारिश, भाग _०३ , सोनू समाधिया 'रसिक', द्वारा - जावेद खड़ा हो कर शब्बो के कमरे में झाँकता है तो उसे सपने वाला नजारा दिखता है। जावेद को यासिर पर शक़ होने लगा। तभी मौलवी जावेद को अपने कमरे में खींच लेता है और जावेद को यासिर की सच्चाई बता देता है। जिन्नात मौलवी को भी उस घर में कैद कर रखा था। तभी वह जिन्नात वहां आ जाता है। जावेद डरकर बाहर भागने की कोशिश करता है तो जिन्नात कहता है कि यह घर मेरा है और यहां एक बार आने के बाद कोई बापस नहीं जाता।