जिन्नातों की सच्ची कहानियाँ - भाग 32

  • 3.8k
  • 1.2k

जिन्न का वारिश, भाग _०१, सोनू समाधिया 'रसिक', द्वारा - दोस्तों कुरान में लिखा गया है कि अल्लाह ने इंसानों की तरह जिन्नात को भी बनाया है। वैसे से तो ये तिलिस्मी जीव इंसानों से अलग अपनी दुनिया में रहते हैं।लेकिन कभी कभी जिन्नात मुसाफिरों की तरह इन्सानों की दुनिया में मतलब हमारी दुनिया में भी आ जाते हैं।अच्छे जिन्नात इंसानों के बीच मेहर बनकर आते हैं तो वहीं बुरे जिन्नात कहर बनकर आते हैं। इस्लाम में माना जाता है कि जवान और खूबसूरत लड़कियों को रात के वक़्त खुले और गीले बालों में छत पर नहीं जाना चाहिए। क्योंकि