भरोसा - भाग 5

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भाग - ५ थोडी देर में वह इन्स्पेक्टर और उसके दोनो साथी वापस लौटकर आ गये. उन्होने चाची से कहा, “ माई वह अंधेरे का फायदा लेकर भाग गये. यह उनका रोजका हि है. आये दिन वह युं हि लोगो को लुटते है, हम भी परेशान हो गये है. आज मौका लगा था हात में लेकीन फिर से वह भागने में कामियाब हो गये.” उसके बाद फिर वह चाची से बोला, “ वैसे माई इतनी रात को तुम कहा से आ रही हो.” तब चाची ने उससे कहा, कि हम मांझी गाव से आये है, हम रामदिन को ढूढने आये