हॉरर मैराथन - 4

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भाग 4 मधुमिता की बचपन से ही इतिहास और पुरातत्व विषय में रुचि रहीं। रुचि की वजह मधुमिता के दादाजी थे। मधुमिता के दादा विष्णुधर दुबे पुरातत्व विभाग में कार्यरत थे और हमेशा मधुमिता को ऐतिहासिक कहानियों, महलों या खुदाई से मिली चीजों के बारे में किस्से सुनाया करते। मधुमिता भी बहुत चाव से उनको सुनती। दादा और पोती दोनों की ही पसन्द एक जैसी थी। जब तक दादा जी जीवित थे तब तक घर में यूनिक और एन्टीक चीजों का संग्रह हुआ करता था। बाद में यह कार्य मधुमिता करने लगीं। दोनों के इस शौक ने घर को किसी