साथ जिंदगी भर का - भाग 66

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आस्था आंखें बंद करके एकांश की छुअन अपने गले पर और कंधे पर महसूस कर रही थी बेचैनी से उसने अपनी आंखे और जोर से बंद कर ली थी एकांश की छुअन से उसके अंदर के सारे एहसास अब बेकाबू हो चुके थे इसी बीच किसी ने उसे अपनी और खींच लिया और आस्था अपनी आंखें खोल हैरानी से उस शख्स को देखने लगी आप आस्था ने उससे देख अपना थूक घटक लिया और गहरी सांस छोड़ दी सॉरी जान लेकिन हम आपको किसी और के साथ नहीं देख सकते बिल्कुल भी नहीं ऐसा नहीं है कि आप पर भरोसा